उत्तराखंड में लोकायुक्त की नियुक्ति अब जल्द हो सकती है। इस मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रवैया अपना लिया है। हाईकोर्ट ने सरकार को तीन महीने के भीतर लोकायुक्त की नियुक्ति के निर्देश दिए हैं। यही नहीं कोर्ट ने कहा है कि जब तक लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं हो जाती है तब तक लोकायुक्त दफ्तर में तैनात कार्मिकों को वेतन न दिया जाए।
रवि जोशी ने डाली लोकायुक्त की तैनाती के लिए याचिका
हल्दवानी के रहने वाले रवि शंकर जोशी ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका डाली थी। इस याचिका में राज्य में लोकायुक्त की नियुक्ति का मसला उठाया गया था। रवि जोशी ने अपनी याचिका में बताया कि मौजूदा वक्त में राज्य की सभी जांच एजेंसियां सरकार के ही अधीन हैं और इनका नियंत्रण राज्य सरकार के पास ही है। ऐसे में राज्य में ऐसी जांच एजेंसी की जरूरत है जिसके पास ये अधिकारों हों कि वो बिना शासन के पूर्वानुमति के ही जांच कर सके। गैजटेड अधिकारियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर सके। इस याचिका में ऐसे राज्यों का उदाहरण भी पेश किया गया था जहां लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े एक्शन लिए हैं।
तीन महीनों में उत्तराखंड में लोकायुक्त की तैनाती
इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि राज्य में अगले तीन महीनों के भीतर लोकायुक्त की नियुक्ति हो जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा है कि राज्य के लोकायुक्त दफ्तर में तैनात कर्मचारियों का वेतन रोक दिया जाए। या फिर किसी अन्य विभाग में समावेश करके उनसे काम लिया जाए और तभी उनको वेतन दिया जाए।
25 कर्मचारी हैं तैनात
आपको बता दें कि कोर्ट में सरकार ने जो जानकारी दी है उसके मुताबिक लोकायुक्त कार्यालय में 26 कर्मचारी हैं। इनमें से नौ रेरा में काम कर रहें हैं। जबकि 17 कर्मचारी लोकायुक्त दफ्तर में ही तैनात हैं।