Big News : इस विभाग का गजब कारनामा, कागज में वेतन कम अकाउंट में भेज रहे ज्यादा - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

इस विभाग का गजब कारनामा, कागज में वेतन कम अकाउंट में भेज रहे ज्यादा

Yogita Bisht
3 Min Read
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प्रदेश में सरकारी सिस्टम भगवान भरोसे चल रहा है। ऐसी ही एक खबर आपदा प्रबंधन विभाग से सामने आई है। जिसको सुनकर आप चौंक जाएंगे। जहां प्रदेश के अन्य विभागों में जहां डाटा एंट्री ऑपरेटर को 40 से 50 हजार मानदेय मिल रहा है तो वहीं आपदा प्रबंधन विभाग में डाटा एंट्री ऑपरेटर को एक लाख तक का वेतन मिल रहा है।

आपदा प्रबंधन विभाग का गजब कारनामा

उत्तराखंड का आपदा प्रबंधन विभाग ऐसा विभाग है जो अक्सर वित्तीय गड़बड़ियों को लेकर सुर्खियों में रहता है। इस बार फिर से आपदा प्रबंधन विभाग से हैरान कर देनी वाली खबर सामने आई है।

जहां पूरे प्रदेश के अन्य विभागों में डाटा एंट्री ऑपरेटर को 40 से 50 हजार मानदेय मिल रहा है। तो वहीं आपदा प्रबंधन विभाग में डाटा एंट्री ऑपरेटर को एक लाख तक का वेतन मिल रहा है। इस खुलासे के बाद से हर कोई हैरत में पड़ गया है।

अन्य कर्मचारियों की तुलना में मिल रहा दोगुने से ज्यादा वेतन

प्रदेश में इस समय करीब 30 हजार डाटा एंट्री ऑपरेटर्स हैं। जिन्हें 2200 से 2400 का पे स्केल दिया जा रहा। लेकिन उत्तराखंड प्रबंधन आपदा विभाग में डाटा एंट्री ऑपरेटर्स को प्रदेश के अन्य सभी विभागों की तुलना में 4600 ग्रेड पे दिया जा रहा है।

उत्तराखंड प्रबंधन आपदा विभाग के डाटा एंट्री ऑपरेटर्स और प्रदेश के अन्य विभागों के डाटा एंट्री ऑपरेटर्स के मानदेय की तुलना करें तो जहां एक ओर प्रदेश के अन्य विभागों में जहां डाटा एंट्री ऑपरेटर को 40 से 50 हजार के बीच मानदेय मिल रहा है तो वहीं आपदा प्रबंधन विभाग में डाटा एंट्री ऑपरेटर का वेतन एक लाख के करीब है।

बीजेपी नेता ने किया कारनामे का खुलासा

आपदा प्रबंधन विभाग में कई कर्मचारियों को प्रदेश के अन्य कर्मचारियों की तुलना में दोगुने से ज्यादा वेतनमान दिए जाने का मामला सामने आया है। जिसका खुलासा खुद बीजेपी नेता ने ही किया है। बीजेपी नेता रविंद्र जुगरान ने इस मामले को उजागर करते हुए इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

जनता के पैसों की हो रही लूट

रविंद्र जुगरान का कहना है कि ये जनता के पैसों की लूट है। इसके साथ ही उनका कहना है कि हरीश रावत सरकार में ये फैसला लिया गया था। उन्होंने इस मामले की शिकायत मुख्य सचिव से लेकर कोषागार समेत अन्य जगहों पर की है। जिसका संज्ञान कोषागार द्वारा लिया गया है।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।