कैलाश यात्रा को दुनिया की सबसे कठिन और रहस्मयी यात्रा माना जाता है। जिसके लिए भारत से लोगों को चीन से होकर जाना पड़ता है। लेकिन अब इस यात्रा को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। अब कैलाश यात्रा के लिए लोगों को भारत से चीन जाने की जरूरत नहीं होगी। अब भारत से ही कैलाश पर्वत के दर्शन किए जा सकेंगे।
अब भारत से ही होंगे कैलाश पर्वत के दर्शन
कैलाश पर्वत को बहुत ही रहस्यमयी माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इसे भोलेनाथ का वास स्थान माना जाता है। जिस कारण कैलाश पर्वत की यात्रा का खासा महत्व है। लेकिन कैलाश पर्वत हिमालय के उत्तरी क्षेत्र तिब्बत में स्थित है।
जो कि चीन की सीमा के अंदर आता है। जिस कारण इसके दर्शन के लिए यात्रियों को चीन जाना पड़ता है। इसके साथ ही मानसरोवर झील के दर्शन के लिए भी यात्रियों को चीन से जाना पड़ता है। लेकिन अब भारत से ही कैलाश पर्वत के दर्शन हो सकेंगे।
उत्तराखंड के ओल्ड लिपुलेख से होंगे कैलाश पर्वत के दर्शन
अब कैलाश पर्वत के दर्शन के लिए यात्रियों को चीन पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। अब भारत की जमीन से ही कैलाश पर्वत के दर्शन हो सकेंगे। देवभूमि उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के ओल्ड लिपुलेख से अब कैलाश पर्वत के दर्शन हो सकेंगे। यहां पर कुछ स्थानीय लोग गए तो उन्होंने देख कि यहां से कैलाश पर्वत के दर्शन आसानी से हो रहे हैं।
स्थानीय लोगों ने अधिकारियों को इसकी खबर दी। जिसके बाद अधिकारियों की टीम यहां पहुंची। अधिकारियों की टीम को भी कैलाश पर्वत के दर्शन आसानी से हुए। अधिकारियों का कहना है कि यहां से कैलाश पर्वत के आसानी से दर्शन कर सकते हैं।
तीन साल से बंद है कैलाश पर्वत और मानसरोवर यात्रा
कैलाश पर्वत के दर्शनों के साथ ही मानसरोवर यात्रा के लिए भारत के यात्रियों को चीन पर निर्भर रहना पड़ता है। पिछले तीन साल से चीन ने कैलाश पर्वत के दर्शन और मानसरोवर की यात्रा के लिए अनुमति नहीं दी है। जिसके कारण से तीन साल से कैलाश पर्वत के दर्शन और मानसरोवर की यात्रा बंद है।
ओल्ड लिपुलेख से दर्शन की हो रही तैयारी
लिपुलेख से कैलाश पर्वत को देखने के बाद अधिकारियों ने रिपोर्ट प्रशासन को सौंप दी है। जिस पर केंद्र सरकार और राज्य सरकारआगे कार्रवाई करेगी। हालांकि इस 2 किलोमीटर लंबी पहाड़ी पर चढ़ना आसान नहीं है। लेकिन रास्ता निकाल कर और सुविधाएं देकर भारत से ही कैलाश पर्वत के दर्शन किए जा सकते हैं।