Uttarakhand : राज्य निर्माण के लिए जब कचहरी में बैठ गईं थीं सुशीला बलूनी, शराब बंदी के लिए भी उठाई थी आवाज... - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

राज्य निर्माण के लिए जब कचहरी में बैठ गईं थीं सुशीला बलूनी, शराब बंदी के लिए भी उठाई थी आवाज…

Sakshi Chhamalwan
2 Min Read
SUSHILA BALUNI

उत्तराखंड राज्य निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाली वरिष्ठ महिला राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी का मंगलवार शाम निधन हो गया। बुधवार को कचहरी स्थित शहीद स्थल पर सुशीला बलूनी के पार्थिव शरीर को लाया गया। जहां पर उनको गार्ड ऑफ़ ऑनर भी दिया गया। इसके बाद हरिद्वार में महिला आंदोलकारी सुशीला बलूनी का अंतिम संस्कार किया गया।

उत्तरकाशी जनपद में हुआ था जन्म

सुशीला बलूनी का जन्म मूल रूप से उत्तरकशी जनपद के बडकोट चक्र गांव में हुआ था। वह मायके से डोभाल थी। सुशीला बलूनी का विवाह स्वर्गीय नन्दा दत्त बलूनी से जिला पौड़ी गढ़वाल में यमकेश्वर ब्लॉक के ग्राम वरगड़ी में हुआ था। सुशीला बलूनी लंबे समय तक देहरादून बार एसोसिएशन की सदस्य भी रही थी। वह जनता दल में रहते हुए 1979 में देहरादून नगर पालिका की नामित सभासद भी रही। उसके बाद वह उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) में शामिल हो गई।

अलग राज्य की मांग के लिए धरने पर बैठने वाली पहली महिला

बता दें, सुशीला बलूनी पृथक उत्तराखण्ड राज्य की मांग के लिए आंदोलन की लड़ाई में कचहरी प्रागण में धरने पर बैठने वाली पहली महिला थी। उनके साथ इस आंदोलन में रामपाल और गोविन्द राम ध्यानी भी शामिल थे। वह संयुक्त संघर्ष समिति की महिला अध्यक्ष के रूप में लगातार संघर्ष करती रही। राज्य आंदोलन के दौरान वह पूरे प्रदेश के भ्रमण पर लखनऊ से लेकर दिल्ली तक संघर्षरत रही। सुशीला बलूनी ने शराब बंदी से लेकर महिलाओं के उत्थान, राज्य आंदोलन के लिए जेल भरो, रेल रोको, धरना प्रदर्शन आदि में मुख्य भूमिका निभाई थी।

इनपुट- सुशांत सिंह

Share This Article
Sakshi Chhamalwan उत्तराखंड में डिजिटल मीडिया से जुड़ीं युवा पत्रकार हैं। साक्षी टीवी मीडिया का भी अनुभव रखती हैं। मौजूदा वक्त में साक्षी खबरउत्तराखंड.कॉम के साथ जुड़ी हैं। साक्षी उत्तराखंड की राजनीतिक हलचल के साथ साथ, देश, दुनिया, और धर्म जैसी बीट पर काम करती हैं।