The Kerala Story: फिल्म प्रोपेगेंडा है या सच्ची घटना?

The kerala Story: फिल्म प्रोपेगेंडा है या सच्ची घटना? सोशल मीडिया पर यूजर द्वारा मिल रही ऐसी प्रतिक्रिया 

Reporter Khabar Uttarakhand
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THE KERALA STORY

विवादों में घिरी ‘द केरल स्टोरी’ आज सिनेमाघरों में रिलीज़ हो चुकी है। सुदीप्तो सेन के निर्देशन में बनी इस फिल्म पर विवाद इसके टीज़र रिलीज़ के समय ही शुरू हो गया था। मेकर्स द्वारा ये दवा किया जा रहा है की फिल्म सच्ची घटना पर आधारित है। सेंसर बोर्ड ने भी फिल्म के कुछ सीन्स पर कैची चलाई है।

फिल्म रिलीज़ से पहले ही विवादों की वजह से काफी लाइमलाइट में आ गई थी। जिसकी वजह से दर्शकों में  फिल्म के प्रति काफी एक्साइटमेंट है।

दर्शकों को कैसी लगी फिल्म?

फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ में तीन लड़कियों की कहानी को दिखाया गया है। कैसे लड़कियों का ब्रेनवॉश करके उनका धरम परिवर्तन करते है। जिसके बाद उन लड़कियों को आतंकी संगठन ISIS में भी शामिल किया जाता है। कुछ लोग फिल्म की स्टोरी को प्रोपेगेंडा बता रहे है। जिसमें कुछ पॉलिटिकल पार्टियों के नेता भी शामिल है।

ऐसे में फिल्म को काफी लाइमलाइट मिल चुकी है। लोग फिल्म का फर्स्ट डे शो देखने जा रहे हैं। जिसके बाद लोग सोशल मीडिया पर फिल्म को रिव्यू दें रहे है। तो आइए जानते है की दर्शकों को फिल्म कैसी लगी।

यूजर दें रहे रिएक्शन

ट्विटर पर यूजर फिल्म का फर्स्ट डे फर्स्ट शो देखकर अपना रिएक्शन दें रहे है। एक यूजर ने लिखा  ‘द केरल स्टोरी’ डिस्टर्बिंग है। फिल्म हेट फैला रही है। देश में कटुता फैलाने के इरादे से बनी हुई फिल्म है। इस एजेंडा फिल्म को मैं शून्य स्टार दूंगी। तो वहीं इसी ट्वीट पर कमेंट कर एक यूजर ने लिखा लोगों को भी सच जानने दो। आप हर बार आंखें मूंदकर मूर्ख नहीं बना सकते।

तो वहीं दूसरे यूजर ने लिखा वो अपनी महनत की कमाई से फिल्म को देखेंगे। आगे यूजर ने लिखा विवाद का मतलब है की वो सही लोगों को नाराज़ कर रही है। मेरा मतलब है लेफ्ट विंग वाले लोगों को।  

तो वहीं अन्य ने लिखा फिल्म को बिना किसी प्रेजुडिस के देखूंगा। मैं फिल्म को जैसे लिखा गया है वैसे ही देखूंगा।

https://twitter.com/vivekcochin/status/1654331383068917762

तो वहीं कुछ लोगों का कहना है की फिल्म प्रोपेगेंडा के मकसद से रिलीज़ की गई है। फिल्म की कहानी में दिखाए गए आकड़ें भी सच नहीं है। कुछ इस फिल्म को लेकर एक्शन की मांग कर रहे है। लोगों के हिसाब से ऐसी फिल्मों से समाज में दंगे फसाद होते है।

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