पंचायतों में विकास कार्यों के लिए प्रतिनिधि अक्सर बजट ना होने की बात कहकर विकास कार्य नहीं करते हैं। जबकि कई बार ऐसे होता है कि बजट होने के बाद भी काम नहीं होता है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब सरकार कम पैसा खर्च करने वाली पंचायतों को दंडित करेगी।
अब प्रदेश में कम पैसा खर्च करने वाली पंचायतें होगीं दंडित
उत्तराखंड में अब बजट की कमी का हवाला देकर कोई भी प्रतिनिधि विकास कार्यों नहीं टाल पाएगा। इसके लिए सरकार नया कदम उठाने जा रही है। 5वें वित्त आयोग के तहत दी गई धनराशि को प्रदेश के 13 जिलों में समय पर खर्च नहीं करने पर अब त्रिस्तरीय ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों और अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
बेहतर काम करने पर पंचायतों को मिलेगा पुरस्कार
जहां एक ओर कम पैसे खर्च करने पर पंचायतों को दंड दिया जाएगा तो वहीं दूसरी ओर अच्छा काम करने वाली पंचायतों को ईनाम दिया जाएगा। इसके लिए सरकार ने पहले चरण में ऐसी पांच-पांच पंचायतों का ब्योरा तलब किया है।
इन पांच-पांच पंचायतों में से अच्छा काम करने वाली पंचायतों को पुरस्कार दिया जाएगा। जबकि खराब प्रदर्शन करने वाली पंचायतों को दंड दिया जाएगा।
आदेश हुए जारी
इसके लिए प्रशासन की ओर से आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। सरकार ने ये कदम इसलिे उठाया है क्योंकि अक्सर बजट नहीं मिलने की बात कहकर कार्यों को लटकाने की शिकायतें मिलती रहती हैं।
लेकिन प्रशासन द्वारा बजट उपलब्ध कराया जाता है। इस बारे में शासन के अधिकारियों का कहना है कि पंचायत स्तर पर बजट की कहीं भी कोई कमी नहीं है। जो पैसा दिया जा रहा है तमाम पंचायतें उसे भी खर्च नहीं कर पा रही हैं।