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RRR से जुड़ी ये कहानी हैरान कर देगी आपको, कैसे पड़ा फिल्म RRR का नाम, किस पर आधारित है स्टोरी

Sakshi Chhamalwan
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RRR OSCARS

RRR का सांग ‘नाटू नाटू’ ऑस्कर्स में नॉमिनेट होने के बाद से ही पूरी दुनिया इसकी चर्चा कर रही है। फिल्म ने अबतक कई इंटरनेशनल अवार्ड अपने नाम किए है। जिसमे ऑस्कर अवार्ड भी शामिल है। दुनिया भर से इस फिल्म को और इसके गाने को तारीफें मिल रही है।

एस एस राजामौली के निर्देशन में बनी फिल्म आरआरआर हर पहलु में खरी उतरती है। आइए जानते है ऑस्कर जीतने वाली आरआरआर के बारे में। क्यों है फिल्म के टाइटल का नाम आरआरआर ? क्या है फिल्म में दर्शाए गए दो क्रांतिकारियों की कहानी?

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SOURCE -WEB

कैसे रखा फिल्म का नाम RRR

जिस वक्त एस एस राजामौली RRR को बना रहे थे। उस वक्त तक फिल्म का नाम नहीं सोचा गया था। एस एस राजामौली ने एक रियलिटी शो में इसका खुलासा करते हुए कहा की फिल्म का प्रमोशन करने के लिए उन्होंने दोनों मुख्य अभिनेता राम चरण और रामा राव के साथ अपने नाम राजामौली का पहला अक्षर यानी ‘R’ जोड़कर हैशटैग #RRR के नाम से फिल्म को प्रमोट करने लग गए।

धीरे धीरे फैंस के बीच यह नाम प्रचलित हो गया। फैंस के साथ डिस्ट्रीब्यूटर्स को भी यह नाम भा गया। अंत में राजामौली ने फिल्म का टाइटल RRR रख दिया।

फिल्म दो रियल लाइफ हीरोज पर है आधारित

RRR में दर्शाए गए दो किरदार अल्लूरी सीताराम राजू और कोमाराम भीम असल जिंदगी में रियल लाइफ हीरो थे। इन्ही दो दिगज्ज हस्तियों से प्रेरित होकर राजामौली ने आरआरआर फिल्म बनाई।

दोनो ही हस्तियों ने देश के लिए स्वार्थ हीन भाव से जो किया है वो शायद ही लोगों को पता है। आइए जानते है कौन थे अल्लूरी सीताराम राजू और कोमाराम भीम ।

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अल्लूरी सीताराम राजू

अल्लूरी सीताराम राजू

क्रांतिकारी अल्लूरी सीताराम राजू ने कई बार ब्रिटिश राज और उनकी नीतियों के खिलाफ आवाज उठाई थी। वह अकेले ही अंग्रेजों के खिलाफ अपना तीर कमान लेकर लड़ने पहुंच गए थे। उन्होंने कभी भी अंग्रेजों के सामने सिर नहीं झुकाया। 1924 में अंग्रेजों ने उन्हें पेड़ से बांधकर उनके ऊपर गोलियों की बौछार कर दी। जिस वजह से क्रांतिकारी सीताराम राजू की मौत हो गई।

कोमाराम भीम

कोमाराम भीम जैसे फिल्म में दर्शाया गया है वह गोंड समाज के थे। उन्होंने अपना आधा जीवन जंगलों में व्यतीत किया। कोमाराम भीम भी एक क्रांतिकारी थे जिनका जीवन का उद्देश्य भारत को आजाद करने का था। एस एस राजमौली ने अपनी फिल्म के जरिये इन दो क्रांतिकारियों को अपनी फिल्म में दर्शाया है।

राजामौली ने आरआरआर की स्टोरी में दिखाया है की क्या होता जब यह साउथ के दो क्रांतिकारी एक साथ एक ही मकसद जो की भारत को ब्रिटिशर्स से आजादी दिलाने का था। साथ में अंग्रेजों का सफाया करते।

यूक्रेन में हुई थी नाटू नाटू की शूटिंग

आपको बता दें की नाटू नाटू गाने की शूटिंग यूक्रेन में हुई थी। फिल्म की शूटिंग दो हफ्ते चली थी। गाने की शूटिंग खत्म होने के कुछ ही दिन बाद वहा पर रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हो गया था। गाने में दिखाई गई जगह , सुन्दर नज़ारे युद्ध के दौरान तहस नहस हो गए थे।

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Sakshi Chhamalwan उत्तराखंड में डिजिटल मीडिया से जुड़ीं युवा पत्रकार हैं। साक्षी टीवी मीडिया का भी अनुभव रखती हैं। मौजूदा वक्त में साक्षी खबरउत्तराखंड.कॉम के साथ जुड़ी हैं। साक्षी उत्तराखंड की राजनीतिक हलचल के साथ साथ, देश, दुनिया, और धर्म जैसी बीट पर काम करती हैं।