Big News : हर साल झंडे मेले की परिक्रमा करता है बाज, जानें क्या है इसके पीछे का राज... - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

हर साल झंडे मेले की परिक्रमा करता है बाज, जानें क्या है इसके पीछे का राज…

Sakshi Chhamalwan
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झंडा मेला बाज

देहरादून के ऐतिहासिक झंडेजी मेले का आगाज आगामी 12 मार्च से होने जा रहा है। झंडेजी मेले में देश-विदेश से संगत बड़ी संख्या में दरबार साहिब पहुंचना शुरू हो गई है। हर वर्ष होली के पांचवें दिन देहरादून में झंडा मेला आयोजित किया जाता है। देहरादून का झंडा मेला 347 साल का गौरव है। इस मेले में देश-विदेश से श्रद्धालु पहुंचते हैं।

बाज की परिक्रमा की मान्यता

मान्यता है कि हर साल जैसे ही झंडेजी का आरोहण होता है। एक बाज परिक्रमा करते हुए उनके ऊपर से गुजरता है। इसे गुरु रामराय महाराज की सूक्ष्म उपस्थिति एवं आशीर्वाद माना जाता है। बताया जाता है की यह बाज हर साल झंडेजी के आरोहण पर परिक्रमा करता है। इसे गुरु महाराज का आशीर्वाद माना जाता है।

देहरादून के संस्थापक हैं श्री गुरु रामराय जी महाराज

झंडेजी मेले का इतिहास देहरादून के अस्तित्व से जुड़ा हुआ है। श्री गुरु रामराय महाराज जी का देहरादून आगमन 1676 में हुआ था। गुरु महाराज जी ने श्री दरबार साहिब में लोक कल्याण के लिए एक विशाल झंडा लगाकर लोगों को इस ध्वज से आशीर्वाद प्राप्त करने का संदेश दिया था। इसके साथ ही श्री झंडा साहिब के दर्शन की परंपरा शुरू हुई। गुरु रामराय महाराज को देहरादून का संस्थापक कहा जाता है। गुरु रामराय महाराज जी सिखों के सातवें गुरु हरराय के बड़े पुत्र थे। उनका जन्म होली के पांचवें दिन वर्ष 1646 को पंजाब के जिला होशियारपुर के कीरतपुर गांव में हुआ था।

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Sakshi Chhamalwan उत्तराखंड में डिजिटल मीडिया से जुड़ीं युवा पत्रकार हैं। साक्षी टीवी मीडिया का भी अनुभव रखती हैं। मौजूदा वक्त में साक्षी खबरउत्तराखंड.कॉम के साथ जुड़ी हैं। साक्षी उत्तराखंड की राजनीतिक हलचल के साथ साथ, देश, दुनिया, और धर्म जैसी बीट पर काम करती हैं।