Dehradun : उत्तराखंड : पापा, बुआ और दादा के बाद अब ये युवा आगे बढ़ा रहा राजनीतिक विरासत - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

उत्तराखंड : पापा, बुआ और दादा के बाद अब ये युवा आगे बढ़ा रहा राजनीतिक विरासत

Reporter Khabar Uttarakhand
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cabinet minister uttarakhand

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देहरादून: पुष्कर सिंह धामी ने आज उत्तराखंड के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उन्हें राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह (रि.) ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। उनके साथ आठ मंत्रियों ने भी शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा मौजूद रहे। इससे पहले, प्रदेश को रितु खंडूरी के रूप में पहली महिला स्पीकर मिली है।

विधायक चंदन रामदास ने शपथ ली। इनके बाद विधायक सौरभ बहुगुणा ने शपथ ली। सौरभ बहुगुणा सितारगंज से दूसरी बार विधायक बने हैं। सौरभ पूर्व सीएम विजय बहुगुणा के बेटे हैं। एचएन बहुगुणा परिवार की तीसरी पीढ़ी है। शपथ ग्रहण कार्यक्रम पूरा हो गया है।

देवभूमि उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कैबिनेट में एक नया चेहरा शामिल हुआ है। ये चेहरा है सौरभ बहुगुणा का। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सियासत में बहुगुणा परिवार का काफी दबदबा रहा है। सौरभ के दादा हेमवती नंदन बहुगुणा उत्तर प्रदेश और पिता विजय बहुगुणा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे। सौरभ की बुआ यानी हेमवती नंदन बहुगुणा की बेटी डॉ. रीता बहुगुणा जोशी भी उत्तर प्रदेश की सियासत में बड़ा चेहरा हैं। रीता जोशी यूपी कांग्रेस की अध्यक्ष रहीं। इसके बाद योगी सरकार में मंत्री भी रहीं। अब वह प्रयागराज से भाजपा की सांसद हैं।

43 साल के सौरभ बहुगुणा के दादा हेमवती नंदन बहुगुणा कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे। यही कारण है कि 1973 में जब उत्तर प्रदेश से राष्ट्रपति शासन हटाया गया तो कांग्रेस ने उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया। हेमवती दो साल 21 दिन तक यूपी के मुख्यमंत्री रहे। हेमवती नंदन बहुगुणा को चौधरी चरण सिंह की सरकार में वित्त मंत्री भी बनाया गया था। उनका जन्म भी उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में हुआ था।

हेमवती नंदन बहुगुणा के तीन बच्चे हुए। विजय बहुगुणा, शेखर बहुगुणा और रीता बहुगुणा। सभी ने कांग्रेस से ही राजनीति की शुरुआत की और बाद में सभी भाजपा में आ गए। शादी के बाद रीता जोशी यूपी की राजनीति में सक्रिय हो गईं। जबकि विजय बहुगुणा उत्तराखंड में पिता की राजनीतिक विरासत आगे बढ़ाते रहे। विजय बहुगुणा मार्च 2012 से जनवरी 2014 तक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे। जबकि, शेखर बहुगुणा भी कांग्रेस के टिकट पर फूलपुर से चुनाव लड़ चुके हैं।

रीता जोशी ने 2016 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया। इसके कुछ दिनों बाद ही विजय बहुगुणा भी भाजपा में आ गए। विजय बहुगुणा के बेटे सौरभ बहुगुणा ने 2017 में पहली बार सितारगंज से चुनाव जीता। इस बार भी वह सितारगंज से विधायक चुने गए और अब उन्हें मंत्री का पद भी मिल गया। सौरभ ने मध्य प्रदेश के एपीएस यूनिवर्सिटी से एलएलबी की पढ़ाई की है।

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