Big News : चंपावत हादसा : मां के सीने से लिपटा मिला 4 साल की देवांशी का शव, नम हुई रेस्क्यू टीम की आंखें - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

चंपावत हादसा : मां के सीने से लिपटा मिला 4 साल की देवांशी का शव, नम हुई रेस्क्यू टीम की आंखें

Reporter Khabar Uttarakhand
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चंपावत जिले के डांडा में में हुई भीषण वाहन दुर्घटना में डांडा निवासी शिक्षिका बसंती भट और उनकी 4 वर्षीय पुत्री देवांशी साथ में थी अंतिम सांस तक देवांशी मां के आंचल में ही सिमटी रही लेकिन काल ने दोनों को ही चिर निद्रा में सुला दिया। मां ने अपनी बेटी को सीने से लगाया हुआ था। मानो मां की ममता अपनी लाडली को प्राण छूटने तक छोड़ना ही नहीं चाह रही थी।

बसंती और देवांशी को उनकी मौत टनकपुर बुला ले गई।

रेस्क्यू टीम उस समय भावुक हो गई जब 4 साल की नन्ही बेटी का शव मां के सीने से लिपटा हुआ मिला. टीम के सदस्य ने जब दोनों को अलग किया तो वह खुद भी भावुक हो गए। टीम कहने लगे देवांशी को मां का प्यार अंतिम समय तक मिला। वहां मौजूद लोगों और पुलिस की आंखें नम हो गई। पिता का रो रोकर बुरा हाल है. बसंती और देवांशी को उनकी मौत टनकपुर बुला ले गई।

बसंती देवी थीं शिक्षिका, उनके पति भी शिक्षक

आपको बता दें कि 36 वर्ष बसंती भटट् प्राथमिक विद्यालय डांडा में शिक्षिका थीं. उनके पति भी शिक्षक है। सोमवार को वह खटीमा से मासूम देवांशी को लेकर अपने मायके डांडा जा रही थी। हर बार उनके पति नारायण उन्हें छोड़ने जाते थे लेकिन इस बार किसी काम के चलते उन्हें सवारी वाहन से जाने को कहा। काफी देर तक सूखीडाग में वाहन का इंतजार करते रहे लेकिन डांडा के लिए उन्हें वाहन नहीं मिल पाया। तब वह अल्टो कार से टनकपुर चली गई ताकि वहां से वाहन पकड़ कर डांडा जा सके। बसंती को टनकपुर में भी कोई वाहन नहीं मिला। उन्हें पता चला कि डांडा से एक बारात टनकपुर आई हुई है।

शाम 6 बजे बसंती अपनी बेटी देवांशी के साथ बारात की इस बोलेरो में बैठ गई। बैठने के कुछ घंटों के बाद यह भीषण हादसा हो गया जिसमें बसंती और उनकी 4 वर्षीय बेटी देवांशी हादसे का शिकार हो गई लेकिन अंतिम समय तक मां ने अपनी बेटी को अपने आंचल में समेट कर रखा थाष इस दृश्य को देखकर रेस्क्यू टीम की भी आंखें नम हो गई।

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