बागेश्वर: चुनाव नजदीक आते ही, लोगों को गुस्सा भी सड़कों पर नजर आने लगा है। कपकोट तहसील के ग्राम पंचायत नरगाड़ा और भैसूड़ी कुटेर के प्रधानों ने रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा बुलंद कर दिया है। उन्होंने सोमवार को उपजिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा। कहा कि यदि गांवों की अनदेखी रहेगी तो चुनाव बहिष्कार किया जाएगा।
ग्राम प्रधान नरगड़ा भागीरथी देवी और भैसूड़ी कुटेर कमला देवी ने कहा कि दोनों ग्राम पंचायतें दुर्गम में हैं। अभी तक सड़क से वंचित हैं। वह लंबे समय से सड़क की मांग कर रहे हैं। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। जिसके कारण गांव के बुजुर्ग, स्कूली बच्चे, गर्भवती महिलाएं, बीमार लोगों को आठ किमी पैदल चलना पड़ रहा है। रास्ते भी क्षतिग्रस्त हैं। गधेरों में पुल नहीं हैं। जान जोखिम में डालने को वह मजबूर हैं।
कई बार जनप्रतिनिधियों से सड़क आदि समस्याओं का समाधान करने को कहा गया। बीडीसी बैठकों में भी सड़क का प्रस्ताव रखा गया। बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो सकी है। दोनों गांव के लोग 21वीं सदी में यातायात सुविधा से वंचित हैं। वोट मांगने के समय जनप्रतिनिधियों को गांवों की याद आती है।
दोनों ग्राम पंचायतों ने आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। वह रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा बुलंद करने जा रहे हैं। इस मौके पर लछम राम, हिम्मत राम, दीपा देवी, बसंती देवी, नारायण सिंह, सुंदर राम, जानकी देवी, दुर्गा देवी, नंदी देवी, गोपाल राम, कैलाश कुमार, तारा प्रसाद, सोनू राम, गंगा राम आदि मौजूद थे।