हम सभी ने अपनी ज़िन्दगी के किसी ना किसी पड़ाव पर स्वयं को उदास और हताश महसूस किया होगा। असफलता, संघर्ष और किसी अपने से बिछड़ जाने के कारण दुखी होना बहुत ही आम और सामान्य है। डिप्रेशन में जाने के कई दूसरे कारण भी हो सकते हैं।
लेकिन, अगर अप्रसन्नता, दुःख, लाचारी, निराशा जैसी भावनायें कुछ दिनों से लेकर कुछ महीनों तक बनी रहती है और व्यक्ति को सामान्य रूप से अपनी दिनचर्या जारी रखने में भी असमर्थ बना देती है तब यह डिप्रेशन नामक मानसिक रोग का संकेत हो सकता है।
डिप्रेशन या अवसाद ऐसी बीमारी है, जो किसी को भी परेशान कर सकती है। इसके चलते मरीज के दिमाग में तरह-तरह के ख्याल आते हैं और वह कुछ भी कदम उठा सकता है। दिल्ली के अक्षरधाम के पास राष्ट्रमंडल खेल गांव में 15 वर्षीय नौवीं की छात्र ने शनिवार की रात को बालकनी से कूदकर जान दे दी।
मृतक के पिता श्रम एवं रोजगार मंत्रालय में ज्वाइंट सेक्रेटरी हैं। बताया जा रहा है कि मृतक कई दिनों से डिप्रेशन में था। उसका एलएनजेपी अस्पताल में इलाज चल रहा था। उसके माता-पिता शनिवार की रात को बाजार गए थे, इसी दौरान उसने बालकनी से कूदकर जान दे दी।