Highlight : उत्तराखंड: इस इंजीनियरिंग कॉलेज में फर्जी नियुक्तियां, ओवरएज को भी दे दी नौकरी - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

उत्तराखंड: इस इंजीनियरिंग कॉलेज में फर्जी नियुक्तियां, ओवरएज को भी दे दी नौकरी

Reporter Khabar Uttarakhand
3 Min Read
cm pushkar singh dhami

cm pushkar singh dhami
टिहरी: टिहरी हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज में नियुक्तियों को लेकर सूचना अधिकार में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। टिहरी हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज हमेशा से विवादों में रहा है। आरटीआई कार्यकर्ता संदीप कुमार ने हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज भागीरथी पुरम टिहरी से सूचना अधिकारी में जानकारी मांगी थी। सूचना में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।

सूचना में जानकारी दी गई कि जितेंद्र पाल सिंह पुंडीर ग्राम बड़ा स्यूटा, चंबा टिहरी गढ़वाल पर्सनल पीए डायरेक्टर, हितेंद्र सिंह इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग में तकनीकी सहायक,  हरेंद्र सिंह मकान संख्या 907 इंद्र नगर कॉलोनी पोस्ट न्यू फॉरेस्ट नियर आइटीबीपी सीमद्वार देहरादून प्रोग्रामर और सोहनलाल पेटवाल ग्राम पेटव पोस्ट जाखणीधार टिहरी गढ़वाल तकनीकी सहायक के पद पर कार्यरत हैं।

सूचना में खुलासा हुआ है कि सोहनलाल पेटवाल की उम्र नियुक्ति के दौरान ज्यादा थी। फिर भी उनको नियम विरुद्ध नौकरी दी गई। टिहरी हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज निदेशक जीएस तोमर ने अपने हस्ताक्षरओं से नियमों को ताक पर इन्हें नौकरी दे दी। इन अवैध नियुक्तियों के खिलाफ हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज के गैर क्षैक्षणिक कर्मचारियों के द्वारा एक महीने से अधिक वक्त तक इन अबैध नियुक्तियों के खिलाफ धरना दिया।

कॉलेज के नए कार्यवाहक निदेशक डॉ. केके मीर ने आंदोलनकारियों की मांग को मानते हुए आंदोलनकारियों को आश्वासन दिया, जिसके बाद आंदोलन समाप्त कर दिया। लेकिन, अवैध नियुक्तियों पर कार्रवाई नहीं की गई। बल्कि, गलत ढंग से नियुक्ति पाए कर्मचारियों को वेतन जारी कर दिया गया। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज में हुई नियुक्तियों को लेकर सवाल उठाए हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता संदीप कुमार ने हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रशासक डीएम टिहरी के पास इन अवैध नियुक्तियों के खिलाफ जांच करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है, जिस पर टिहरी डीएम ने एसडीएम को जांच अधिकारी नियुक्त करते हुए जांच करने के निर्देश दिए। लेकिन, एक साल भी जांच नहीं हो पाई है।

वहीं, प्रभारी जिलाधिकारी नमामि बंसल ने कहा कि डायरेक्टर द्वारा इसमें जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई है, जो इस पर जांच का गई है और तत्काल जांच कमेटी से जांच रिपोर्ट मंगा कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। एक पहलू यह भी है कि टिहरी हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज विश्व बैंक से वित्त पोषित है। विश्व बैंक का प्रोजेक्ट भी समाप्त हो चुका है। नियम तहत प्रोजेक्ट में नियुक्त कर्मचारियों को हटा दिया जाना चाहिए था, लेकिन कॉलेज ने उनको स्थाई नियुक्ति दे दी।

Share This Article