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उत्तराखंड: पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा- राजनीति से ले लूंगा संन्यास, जानें क्यों ?

Reporter Khabar Uttarakhand
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harish rawat with cong flag

cm pushkar singh dhami

देहरादून: कांग्रेस 2022 के चुनावी समर में उतरने के लिए तैयार है। पूर्व सीएम हरीश रावत पूरा मोर्चो संभाले हुए हैं। पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि हरीश रावत की सरकार में जुम्मे की नमाज की छुट्टी दी गई थी, उसको लेकर हरदा ने अमित शाह को ही चैलेंज कर दिया है। अमित शाह ने कहा था कि मैं गुजर रहा था, लंबी कतार नेशनल हाईवे पर लगी हुई थी। मैंने पूछा तो लोगों ने कहा कि हां जुम्मे की नमाज़ अदा हो रही है और हरीश रावत की सरकार ने जुमे की नमाज़ की छुट्टी दे रखी है।

हरीश रावत ने कहा कि मैं बहुत विनम्रता और आदर के साथ अमित शाह जी से कहना चाहता हूं कि यदि उनके सारे सरकारी विभाग ऐसा कोई आदेश/शासनादेश, नोटिफिकेशन दिखा दें, जिसमें हमने जुम्मे की नमाज़ अदा करने के लिए छुट्टी प्रदान की हो और यदि वो दिखा देंगे तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा और यदि नहीं दिखा पाएंगे तो उनके पार्टी के लोगों का जो दुष्प्रचार है, डेनिश और जुम्मे की नमाज़ को लेकर उसे उन्हें बंद करना चाहिए। सार्वजनिक रूप से उस गलत सूचना के आधार पर चुनावी भाषण की शुरुआत करने के लिए अमित शाह जी को खेद प्रकट करना चाहिए।

पूर्व सीएम हरीश रावत ने यह भी कहा है कि भाजपा के विकास कार्य बनाम कांग्रेस के विकास कार्यों की तुलना की है और बहस की चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि मैं अपने को अमित शाह की चुनौती स्वीकार करने के लिए बलशाली नहीं मानता हूं। मगर फिर भी यदि उनका आदेश होगा तो मैं कहीं भी बहस के लिए, चाहे किसी टेलीविजन शो पर हो या आमने-सामने मंच लगाकर किसी मैदान में हो, मैं तैयार हूं। मुझसे जो सवाल करने हों, मैं उन सवालों का उत्तर दूंगा और जो काम हमने किये उनका वर्णन करूंगा। मैं अमित शाह का आदर करता हूं, उनसे आमने-सामने खड़े होकर के यह नहीं कहूंगा कि आपने ये क्यों नहीं किया, वो क्यों नहीं किया!

हरदा ने कहा कि अपने से बड़े पद पर प्रतिष्ठित व्यक्ति से सवाल करना मेरी समझ में नहीं है। उन्होंने एक उल्लेख डेनिश नाम की शराब की ब्रांड का किया। हां, हमारे समय में वो ब्रांड प्रचलन में थी। उसका स्वाद लोगों को पसंद नहीं आया था, क्योंकि हमने उस ब्रांड के लोगों से कहा कि आपको तभी मार्केटिंग राइट दिए जाएंगे, जब आप 20 प्रतिशत उत्तराखंडी फलों का डिस्टिलेशन को इसमें सम्मिलित करोगे। इससे डेनिश का जो नेचुरल स्वाद था वो बिगड़ गया। लोगों को पसंद नहीं आया, यह सत्यता है और हमने उसकी कीमत भी अदा की।

लेकिन, डेनिश का विरोध करने का हक भाजपा को नहीं है। आज भी डेनिश शराब की दुकानों में ही नहीं बिक रही है, बल्कि भारत सरकार के भूतपूर्व रक्षा कर्मियों और रक्षा कर्मियों के लिए जो कैंटीनें खोली हैं। उन कैंटीनों में भी डेनिश की ब्रांड लोगों को आवंटित की जा रही है। लोगों को वो बिक्री के लिए उपलब्ध है, तो ये हमारी डेनिश जहर थी और भाजपा की डेनिश अमृत है, मैं इस तर्क को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हूं।

उन्होंने आगे लिखा है कि हां मैं एक बात जरूर दावे के साथ कह रहा हूं कि हमारे समय में शराब पीने से कहीं, किसी की मौत नहीं हुई। मगर भाजपा के समय में जिस दिन से वो सत्ता में आये, 7 स्थानों पर नकली शराब पीने से लोगों की मौत हो चुकी है। जिसमें से एक ऐसे कांड में भाजपा का एक पूर्व सभासद देहरादून में संलिप्त पाया गया और एक उनका मण्डल का कोई पदाधिकारी भगवानपुर में हुये अवैध शराब के कांड में संलिप्त पाया गया।

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