देहरादून: सीएम त्रिवेंद्र रावत अपने कड़क और बड़े फैसलों के लिए जाने जाते हैं। ऐसा ही एक फैसला उन्होंने आशासकीय स्कूलों को लेकर लिया है। उन्होंने इन विद्यालयों का अनुदान बंद करने के प्रस्ताप को निरस्त कर दिया है। इससे राज्य के 65 अशासकीय विद्यालयों को बड़ी राहत मिलेगी, साथ ही इन स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों और सेवाएं दे रहे शिक्षक व कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी।
शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम के अनुसार शासन की ओर से अनुदान खत्म करने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री के पास भेजा गया था, लेकिन मुख्यमंत्री की ओर से इस पर सहमति नहीं दी गई। अशासकीय स्कूलों के अनुदान को खत्म किए जाने के मामले को लेकर इन स्कूलों के शिक्षकों व कर्मचारियों में गुस्सा था। उनका कहना है कि जिन स्कूलों को एक बार अनुदान दे दिया गया है, उसे किसी भी स्थिति में समाप्त नहीं किया जा सकता।
शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि शासन की ओर से हाल ही में अशासकीय स्कूलों की समीक्षा के लिए जो आदेश जारी किया गया है, उसके अनुसार इन स्कूलों की समीक्षा की प्रक्रिया जारी रहेगी। शिक्षक/कर्मचारी संगठनों ने मुख्यमंत्री के इस फैसले की सराहना की है। साथ ही उनको धन्यवाद भी दिया।