दुनियाभर में कोरोना का कहर जारी है। कोरोना के लक्षण सर्दी,बुखार, खांसी, गले में दर्दसहित कई लक्षण हैं। लेकिन देश में लक्षण न दिखने वालों में भी कोरोना की पुष्टि हुई है जो की काफी हैरान कर देने वाला है। जिससे लोगों के मन में कोरोना को लेकर डर और पनप रहा है क्योंकि लक्षण न दिखने से लोगों को हमेशा कोरोना संक्रमण का डर सता रहा है। वहीं बिन लक्षणों वाले व्यक्ति से बात करने में कोरोना से संक्रमित होने का खतरा ज्यादा रहा है ये हम नहीं बल्कि एक अध्यन में इसका दावा किया गया है।
जिसमें एक हजार कोविड-19 वायरस हो सकते हैं…
जी हां कोरोना को लेकर किए गए एक अध्ययन में दावा किया गया है कि बिना लक्षणों वाले व्यक्ति से बात करने में कोरोना के संक्रमण का खतरा हो सकता है। अध्ययन में दावा किया गया है कि यदि ऐसा व्यक्ति जोर से बोल रहा है तो वह एक मिनट में एक लाख से भी ज्यादा ड्रॉपलेट्स मुंह से हवा में छोड़ता है जिसमें एक हजार कोविड-19 वायरस हो सकते हैं।
स्टेनफोर्स यूनिवर्सिटी के इस अध्ययन को प्रोसीडिंग्स ऑफ नेशनल एकेडमी आफ साइंसेज ऑफ यूएसए के ताजा अंक में प्रकाशित किया गया है। वैज्ञानिकों ने बातचीत के दौरान मुंह से निकलने वाले ड्रॉपलेट्स का लेजर तकनीक से विश्लेषण किया और उसके आधार पर नतीजे निकाले हैं। शोधपत्र में वैज्ञानिकों ने कहा कि सामान्य बातचीत में ड्रॉपलेट्स कम निकलते हैं लेकिन जोर से और उत्तेजित होकर बोलने में इनकी संख्या बढ़ जाती है. कहा कि एक मिनट में एक लाख ड्रॉपलेट्स हवा में निकल जाते हैं जिनका आकार 4-21 क्यूबिक मीटर के बीच होता है। ये ड्रॉपलेट्स 14-21 मिनट तक हवा में जीवित रहते हैं तथा उसके बाद निष्क्रिय हो जाते हैं।
वैज्ञानिकों का आकलन है कि एक मिनट की अवधि के दौरान एक हजार से ज्यादा वायरस एक व्यक्ति से ड्रॉपलेट्स के जरिये निकलते हैं। यदि कोई ऐसे व्यक्ति से बिना मास्क पहने बात कर रहा हो और सामने खड़ा व्यक्ति खुद भी मास्क नहीं पहने हो तो संक्रमण का खतरा रहता है।