ऋषिकेश: एम्स ऋिषिकेश से जुड़ा एक चैंकाने वाला मामला सामने आया है। एक भाई ने किडनी के इलाज के लिए एम्स में भर्ती अपनी बहन की छुट्टी इसलिए करा ली कि उसे कोरोना का डर सता रहा था। वो बहन को घर ले जा रहा था, लेकिन उसकी रास्ते में ही मौत हो गई। बहन के शव को जंगल में ही दफना चाहता रहा था, लेकिन तब तक हाथी आ गया और वो शव को वहीं छोड़कर भाग गया।
रविवार रात झाडियों में मिलनें के बाद पुलिस ने मृतका के भाई को गिरफ्तार कर लिया। उसने पुलिस पूछताछ में सारी सच्चाई उगल दी। पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने चंडीघाट पर भाई की मौजूदगी मृतका का अंतिम संस्कार कराया। पूर्व गंग नहर पटरी पर तिरछा पुल के पास कंबल मे लिपटा युवती का शव मिला था। हाथ में ड्रीप नली लगी थी और पट्टी बंधी हुई थी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू की। मौके पर मिले एम्स के पर्चे से उसकी पहचान हुई। पुलिस घर पहुंची तो कोई नहीं मिला। उसके माता-पिता की पहले ही मौत हो चुकी है।
पुलिस ने मृतका के भाई को हिरासत में लिया। पूछताछ में उसने बताया कि बहन 14 अप्रैल से एम्स में भर्ती थी। इसी बीच वहां कोरोना के पांच मरीज आ गए। उसे खुद और बहन के संक्रमित होने का डर सताने लगा। 10 मई को बहन की छुट्टी कराई और घर के लिए रवाना हो गया। लेकिन, रास्ते में बहन की तबीयत बिगड़ने पर मौत हो गई। गांव वालों के सवालों के डर से वह शव को तिरछा पुल के पास दफनाने जा रहा था कि हाथी आ गया।युवक वहां से भाग खड़ा हुआ।