देहरादून: कोरोना काल में हर कोई परेशान है। जगह-जगह लोग फंसे हुए हैं। लोगों को खाना पहुंचाया जा रहा है। राशन दिया जा रहा है। लेकिन, कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो बीमारियों से जूझ रहे हैं। खासकर गांवों में फंसे बुजुर्ग लोगों तक दवाई नहीं पहुंच पा रही है। ऐसे लोगों को लिए फायरमैन मनीष पंत किसी हनुमान से कम नहीं हैं। वो ऐसे जुरूरतमंद लोगों तक दवा पहुंचाकर उनको जीवनदान दे रहे हैं।
प्रदेश के दूरस्थ इलाकों में लोगों को छोटी-मोटी परेशानी होने पर भी दवा के लिए मीलों का सफर तय करना पड़ रहा है। ऐसे लोगों के लिए अग्निशमन विभाग में फायरमैन के रूप में कार्यरत मनीष पंत इन दिनों संकटमोचक की भूमिका निभा रहे हैं। लॉकडाउन लागू होने के बाद से अब तक वह दूर-दराज के गांवों में 35 लोगों तक जरूरी दवाइयां पहुंचा चुके हैं।
मनीष ने फेसबुक पर ‘ऑपरेशन संजीवनी’ नाम से पेज बनाया है, जिस पर कोई भी जरूरतमंद परेशानी साझा कर सकता है। दून में तैनात मनीष ने बताया कि 22 मार्च को उनके पड़ोस में रहने वाली महिला का बीपी अचानक बढ़ गया। उनके लिए इंदिरेश अस्पताल से दवा लेकर आए। उसी दिन लॉकडाउन की घोषणा होने पर उन्हें अहसास हुआ कि गांवों में ऐसे कई बुजुर्ग लोग होंगे, जिन्हें इस आपात स्थिति में दवाइयों की जरूरत होगी।
इसके बाद उन्होंने फेसबुक पर पेज बनाया और लोगों की सेवा में जुट गए। लोगों को दवा पहुंचाने के लिए मनीष बाइक से निकल पड़ते हैं। पुलिस के जवान दिन-रात एक कर लोगों की मदद कर रहे हैं। मनीष जैसे युवाओं ने लाॅकडाउन के दौरान मिसालें पेश की हैं। ऐसे जवानों को सेल्यूट तो करना ही चाहिए। हम उन्हें कुछ नहीं दे सकते, लेकिन सम्मान दे सकते हैं
मनीष ने बताया कि चकराता में एक दिल के रोगी को दवाइयों की जरूरत थी। दवाइयां देहरादून में नहीं मिलीं तो दिल्ली से मंगवाईं। इसके बाद आइजी अमित कुमार सिन्हा से इजाजत लेकर वह खुद मरीज तक दवा पहुंचाने के लिए चकराता गए। वह पैठाणी, पाबौ, चमोली तक लोगों को दवा पहुंचा चुके हैं।