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उत्तराखंड : 7 लाख रोजगार का दावा, 8 लाख बेरोजगार, फिर धर्म की राजनीति का शोर क्यों?

Reporter Khabar Uttarakhand
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# Uttarakhand Assembly Elections 2022

# Uttarakhand Assembly Elections 2022
देहरादून: राज्य बने 21 साल हो गए हैं। इन 21 सालों में राज्य कि कोई उपलब्धि हो न हो, लेकिन बेरोजगारों कि फ़ौज जरूर खड़ी हो हाई। 2022 के विधानसभा चुनाव में कम समय बचा है। बेरोजगारों को उम्मीद थी कि बेरोजगारी पर बहस होगी, लेकिन पिछले कुछ दिनों में केवल हिन्दू-मुस्लिम की ही चर्चा हो रही है। हालांकि, कांग्रेस ने बेरोजगारी को अपने प्रतिज्ञा पत्र में जगह दी है। बीजेपी सता में थी, युवा सीएम का शोर भी चुनाव से पहले खूब सुनाई दिया, लेकिन अब चुनाव प्रचार में ना तो युवाओं कि बात हो रही है और ना रोजगार देने की। पूरी सियासत हिन्दू-मुस्लिम पर आकर ठिठक गई है।

7 लाख को रोजगार का दावा

राज्य में बेरोजगारों की संख्या 8.42 लाख है। चुनाव से पहले सरकार का दावा था कि उन्होंने 7 लाख लोगों को रोजगार दिया। लेकिन, अब चुनाव में इन दावों की बात कहीं नहीं हो रही है। भाजपा केवल हल्लाहू अकबर और हिन्दू-मुस्लिम का शोर कर रही है। सबसे ज्यादा पंजीकृत बेरोजगार 1.03 लाख देहरादून और सबसे कम 26 हजार बेरोजगार चम्पावत में हैं। बेरोजगारों की यह संख्या कुल मतदाताओं के 10 प्रतिशत से अधिक है। पिछली सरकार बेरोजगारी दूर करने के दैव करती रही। आठ लाख लोगों को रोह्गार देने के दावे भी किये गए, लेकिन अब चुनाव में सारे दावे कहीं गायब हो गए हैं।

फायदा अधिकांश प्रभावशाली व्यक्तियों को

स्वरोजगार की योजनाएं चलाई गई, उनका फायदा अधिकांश प्रभावशाली व्यक्तियों को ही मिलता है। यही कारण है कि प्रदेश में बेरोजगारी का आंकड़ा कम होने का नाम नहीं ले रहा है। हर साल हजारों युवा इंटर व स्नातक की परीक्षा पास कर रोजगार की तलाश में निकल रहे हैं। प्रदेश में कोरोना के बाद बेरोजगारों की संख्या में अधिक इजाफा देखने को मिला है। श्रम एवं सेवायोजन कार्यालयों के आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष 2017-18 में प्रदेश में 8.91 लाख बेरोजगार पंजीकृत थे। वर्ष 2018-19 में यह संख्या कम होकर 8.29 लाख तक आई और वर्ष 2019-20 में यह 7.78 लाख तक पहुंच गई।

आंकड़ा बढ़कर 8.07 पहुंचा

कोरोना के कारण 2021-22 में यह आंकड़ा बढ़कर 8.07 पहुंचा और फिर वर्ष 2021-22 में अभी तक यह संख्या 8.42 लाख पहुंच गई है। प्रदेश में ज्यादातर इंटर पास करने वाले युवा ही सेवायोजन केंद्रों में रोजगार के लिए पंजीकरण कराते हैं। ऐसे लोगों कि संख्या भी बहुत अधिक है जी इंटर पास नहीं है। वो भी रोजगार की तलाश में है।

बेरोजगारों की संख्या

देहरादून – 103745

हरिद्वार – 101771

यूएस नगर – 88198

टिहरी – 80334

नैनीताल – 76546

पौड़ी – 70542

अल्मोड़ा – 69525

उत्तरकाशी -56207

चमोली – 52791

पिथौरागढ़ – 51187

रुद्रप्रयाग – 35098

बागेश्वर – 29859

चम्पावत – 26202

कुल – 842005

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