यूपी के Jhansi में मेडिकल कॉलेज में अग्निकांड के बाद 10 बच्चों की मौत से पूरा देश सिहर गया है। इस घटना की वजह कर्मचारियों की लापरवाही बताई जा रही है। हालांकि, दूसरी ओर इस अग्निकांड में फंसे बच्चों के लिए कुछ लोग देवदूत बनकर आए। इन देवदूतों नो अपनी जान में खेलकर बच्चों की जान बचा ली। 40 से ज्यादा बच्चों को रेस्कयू कर सुरक्षित बाहर निकाला गया।
ये देवदूत न होते तो बढ़ता मौतों का आकंड़ा
रिपोर्ट में मिली जानकारी के मुताबिक एक देवदूत का नाम कृपाल सिंह राजपूत है। इन्होनें 20 से ज्यादा बच्चों को बाहर निकाला। इसी के साथ दो युवक कुलदीप और हरिशंकर ने भी बच्चों की जान बचाने के लिए एनआईसीयू के अंदर छलांग लगा दी। इन दोनों युवकों ने करीब 20 बच्चों को बाहर निकाला। कृपाल सिंह राजपूत की बच्ची अपने नवजात को लेकर अस्पताल में भर्ती थी। उनकी मदद के लिए कृपाल सिंह भी अस्पताल में भर्ती थे। उन्होंने बताया कि रात के ठीक दस बजे बच्चों को फीड कराने के लिए एनाउंस किया गया तो वह भी एनआईसीयू की ओर आ गए। इसी दौरान शॉर्ट सर्किट हुआ और आग लग गई।
18 बेड पर 54 बच्चे भर्ती
उन्होनें जानकारी दी कि 18 बेड पर 54 से ज्यादा बच्चो को भर्ती किया गया था। कई बेड पर 4 से 5 बच्चे भर्ती किए गए थे। कृपाल, हरिशंकर और कुलदीप ने देवदूत बनकर बच्चों को आग से बाहर निकाला। वहां मौजूद लोगों ने कहा कि इन्हीं के कारण कई बच्चों की जान बच गई।