National : सालों से बंद पड़े घर में म‍िला खजाना!, दरवाजा खोला तो कमरे में बिखरे थे लाखों रुपए - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

सालों से बंद पड़े घर में म‍िला खजाना!, दरवाजा खोला तो कमरे में बिखरे थे लाखों रुपए

Uma Kothari
3 Min Read
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करीब 11 सालों से बंद पड़े एक घर में खजाना मिला है। इस सरकारी आवास का जब दरवाजा खोला गया तो अंदर का नजारा जिसने भी देखा वो हैरान रह गया। कमरे में नोटों की गड्डियां पड़ी हुई थी।

बता दें कि ये घर एसीएमओ का था। करीब 10 साल पहले उनकी संदिग्ध परिस्तिथियों में मौत हो गई। उनकी की मौत के कई सालों बाद जब उनका आवास खोला गया तो लाखों का कैश बरामद हुआ। ये सभी 1000 और 500 के पुराने नोट हैं।

सालों से बंद पड़े घर में म‍िला खजाना!

दरअसल जिस सरकारी आवास की हम बात कर रहे है वो मीरानपुर सीएचसी परिसर में है। ये आवास ACMO यानी अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. बीएन तिवारी को दिया गया था। 28 अगस्त 2007 को अंबेडकरनगर में वो तैनात थे।

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29 जनवरी साल 2014 में उनकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। कमरे में बिस्तर पर उनका शव मिला। जिसके बाद इस आवास को सील कर दिया गया था। यहां इसके बाद परिवार वाले भी सामने नहीं आए। साथ ही विभाग ने भी इसको खोलने की जरूरत नहीं समझी।

मरम्मत कराने के लिए खोला गया ताला

करीब एक दशक तक ये कमरा बंद रहा। इस दौरान जिले में कई सीएमओ आए और चले भी गए। लेकिन इस आवास पर किसी का ध्यान नहीं गया। अब जाकर जब नए सीएमओ डॉ. संजय कुमार शैवाल ने इसकी मरम्मत कराने का फैसला लिया तब ये खोला गया।

बिस्तर और अलमारी में मिले लाखों रुपए

इसके लिए एक टीम बनाई गई। वीडियोग्राफी के बीच कमरे का ताला तोड़ा गया। दरवाजा खुलने के बाद हर कोई अंदर का नजारा देखकर हैरान रह गया। अधिकारी बिस्तर के नीचे और अलमारी में लाखों रुपए देखकर स्तब्ध रह गए। यहां पर पुराने 500 और 1000 रूपए के नोट बरामद हुए। टोटल करीब 22 लाख 48 हजार रुपए यहां से निकले। चूंकी ये नोट साल 2016 में नोटबंदी के चलते बंद हो गए हैं। जिसके चलते इन्हें ट्रेजरी में जमा किया गया है।

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