Big News : उत्तराखंड : जन्मदिन पर घर पहुंचेगा 21 साल के जवान हिमांशु नेगी का पार्थिव शरीर, 2019 में हुए थे भर्ती - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

उत्तराखंड : जन्मदिन पर घर पहुंचेगा 21 साल के जवान हिमांशु नेगी का पार्थिव शरीर, 2019 में हुए थे भर्ती

Reporter Khabar Uttarakhand
3 Min Read
Bad news from indian army

Bad news from indian army

काशीपुर : जन्मदिन…वो खास दिन जिसका सभी को इंतजार रहता है और ये दिन माता-पिता के लिए भी खास होता है क्योंकि उस दिन उनको नई खुशियां मिलती है। उनका बच्चा दुनिया में आता है। बच्चे के पहले जन्मदिन से लेकर हर जन्मदिन माता पिता के लिए खास होता है लेकिन इस दिन की खुशियां हिमांशु के माता पिता और परिवार को नसीब नहीं हुई। बल्कि इस दिन हिमांशु नेगी का परिवार खुशियां नहीं बल्कि मातम में डूबा है। क्योंकि बर्थडे के दिन ही उनके बेटे का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचेगा। जी हां हम बात कर रहे हैं सिक्किम में सेना के वाहन हादसे की…बता दें कि बीते दिनों सिक्किम में सेना का वाहन खाई में जा गिरा था जिसमे 4 जवानों की मौत हो गई थी। इनमें से एक थे हिमांशु नेगी जो की काशीपुर निवासी है। जानकारी मिली है कि आज हिमांशु नेगी का जन्‍मदिन है। वहीं खबर है कि आज ही हिमांशु का पार्थिव शरीर दोपहर तक बागडोरा से सेना के विशेष विमान से दिल्‍ली लाया जाएगा। दिल्‍ली से काशीपुर उसके आवास पर एंबुलेंस से बाई रोड लाया जाएगा। शनिवार को सैन्‍य सम्‍मान के साथ शहीद का अंतिम संस्‍कार किया जाएगा।

आज है शहीद हिमांशु का 21वां जन्मदिन

परिवार से मिली जानकारी के अनुसार काशीपुर में हेमपुर डिपो की पांडे कालोनी निवासी हिमांशु नेगी 27 मार्च 2019 को 7- कुमाऊं रेजीमेंट में बतौर सिपाही तैनात हुआ था।जम्‍मू कश्‍मीर में ड्यूटी करने के बाद वह पश्चिम बंगाल की बीनागुड़ी पोस्‍ट पर तैनात था। 45 दिन का अवकाश पूरा करने के बाद दो जून को ही ड्यूटी पर लौटा था। शहीद हिमांशु नेगी के पिता हीरा सिंह ने बताया कि शुक्रवार देर रात बेटे का पार्थिव शरीर घर पहुंचने की संभावना है। बताया कि आज बेटे का 21वां जन्‍मदिन था। कहा कि हर साल बेटे के जन्म दिन का खास इंतजार रहता। लेकिन इस साल उसके जन्म दिन से ठीक पहले उसकी मौत की सूचना मिली।

मिली जानकारी के अनुसार हिमांशु नेगी परिवार के इकलौते कमाने वाले थे। हिमांशु का एक भाई विकलांग है जबकि दूसरे भाई का हाथ खराब है। हिमांशु की एक बहन है जो की बीएससी फर्स्ट ईयर में पढ़ाई कर रही है। हिमांशु के दादा भी आर्मी में थे जो 1980 में गंगटोक में शहीद हुए थे। हिमांशु के घर में मां कमला देवी, दो भाई, एक बहन और दादी रहती है।

Share This Article