Dehradun : सूर्यकांत धस्माना का वार, कहा- एक थका, दूसरा संवैधानिक संकट में फंसा और अब तीसरा अनुभवहीन मुख्यमंत्री दिया - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

सूर्यकांत धस्माना का वार, कहा- एक थका, दूसरा संवैधानिक संकट में फंसा और अब तीसरा अनुभवहीन मुख्यमंत्री दिया

Reporter Khabar Uttarakhand
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cm pushkar singh dhami

cm pushkar singh dhami

देहरादून : एक तरफ राज्य के 11वें सीएम के रुप में खटीमा से विधायक पुष्कर धामी ने पद की शपथ ली और फिर पीसी की तो वहीं दूसरी और कांग्रेस ने राजीव भवन में प्रेस वार्ता कर भाजपा पर हमला किया। सूर्यकांत धस्माना ने हमला करते हुए कहा कि भाजपा नेतृत्व ने उत्तराखंड प्रदेश को इन साढ़े चार सालों में तीन मुख्यमंत्री दिये हैं। इसमें एक थका, दूसरा संवैधानिक संकट में फंसा और अब तीसरा अनुभवहीन मुख्यमंत्री दे दिया है। उन्होने कहा कि नए मुख्यमंत्री के कारण भाजपा में उपजे असंतोष व राजनैतिक उठापटक से कांग्रेस का कोई लेना देना नहीं है। यह सब भाजपा के कुकर्मों का फल है, जो उसे भुगतना पड़ेगा।

आगे सूर्यकांत धस्माना ने राज्य और केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि राज्य को एक सुलझे हुए मुख्यमंत्री की जरूरत थी और भाजपा ने पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री की कमान दे दी है जिन्हें अनुभव नहीं है। कहा कि उत्तराखंड राज्य में वर्ष 2017 में कांग्रेस शासन के दौरान 1.64 प्रतिशत बेरोजगारी दर थी और अब 10.99 प्रतिशत तक पहुंच गई है। ये दर छह गुना बढ़ गई है जो राष्ट्रीय स्तर से भी ज्यादा है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में सात हजार लोगों की आधिकारिक मौतें हुई है और चार लाख तक संक्रमित लोगों का आंकडा पहुंच गया है। स्वास्थ्य सेवायें पूरी तरह चरमरा गई। सरकार के पास ब्लैक फंगस से निपटन के लिए कोई इंतजाम नहीं है। अब तक ब्लैक फंगस से 100 लोगों की मौत हो चुकी है। व्यवस्थाओं को ढर्रे पर लाना नए सीएम के लिए चुनौती है।

उन्होंने कहा कि लोगों ने 2017 में नरेन्द्र मोदी के नाम पर प्रचंड बहुमत दिया, लेकिन आज स्थिति सबके सामने है। उन्होंने कहा कि महंगाई चरम पर है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने प्रदेश की जनता के साथ विश्वासघात किया है। उन्होंने कहा कि आगामी 2022 में इस विश्वासघात का बदला भाजपा को सत्ता से बाहर कर लेगी। सात से 17 जुलाई तक प्रदेश भर में बेरोजगारी, राजनैतिक अस्थिरता, महंगाई, बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं के खिलाफ आंदोलन किया जायेगा। इसके लिए रणनीति तैयार कर ली गई है।

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