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शहीद CO की बेटी का गर्व भरा बड़ा फैसला, बोली- डॉक्टर बनना चाहती थी लेकिन अब पहनूंगी वर्दी…

Reporter Khabar Uttarakhand
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ankita lokhande

ankita lokhandeकानपुर एनकाउंटर में 8 पुलिसकर्मियों का हत्यारा विकास दुबे 5 दिन से फरार है। वहीं 40 थानो की पुलिस उसकी खोज में लगी है लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी है। शहीद पुलिसकर्मियों का परिवार शोक में डूबा है। वहीं इस बीच सीओं बिल्हार देवेंद्र मिश्रा का एक ऑडियो और शिकायती पत्र वायरल हो रहा है जो की उन्होंने तत्कालीन एसएसपी को लिखा था और फोन पर बात भी की थी समस्या को लेकर लेकिन उस पर चुप्पी साधी रही।

शहीद की बेटा का गर्व से भरा फैसला

वहीं अब शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा की बेटी वैष्णवी मिश्रा ने बड़ा फैसला लिया है जिस पर हर किसी को गर्व होगा। जी हां सीओ की बेटी ने कहा मैं डॉक्टर बनना चाहती थी लेकिन इस घटना ने मुझे झकझोर कर रख दिया है। अब मैं अपने पिता की तरह पुलिस में भर्ती होकर ऐसे अपराधियो को सबक सिखाऊंगी। मैं अपने पिता के बलिदान को बेकार नहीं जाने दूंगी।

आपको बता दें कि मूलरूप से बांदा के गिरवां, महेवा निवासी सीओ देवेंद्र कुमार मिश्रा अपनी पत्नी आशा व दो बेटियों वैष्णवी व वैशार्दी के साथ मेडिकल कॉलेज कैंपस के पॉमकोट अपार्टमेंट में रहते थे। वैष्णवी जीएसवीएम मेडिकल कॉलेेज में मेडिकल की तैयारी कर रही है, जबकि छोटी बेटी इंटर की छात्रा है।देवेंद्र केे दो छोटे भाई राजीव मिश्रा व आरडी मिश्रा हैं। राजीव डाकघर में तो आरडी मिश्रा पूर्व प्रधान रह चुके हैं।

देवेंद्र 1980 में दारोगा बने थे, 9 महीने बाद था रिटायरमेंट 

जानकारी मिली है कि देवेंद्र 1980 में दारोगा बने थे। वर्ष 2007 में उन्नाव के अचलगंज थाने में तैनात थे। वहीं से प्रोन्नत होकर इंस्पेक्टर बने। इसके बाद कानपुर में मूलगंज, रेलबाजार, नजीराबाद, किदवईनगर, बर्रा थाने का चार्ज भी संभाला था। वर्ष 2016 में गाजियाबाद के मोदीनगर में बतौर क्षेत्राधिकारी तैनाती मिली थी। नौ महीने बाद रिटायरमेंट था

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