National : PM की 'मन की बात' पर DISLIKE की भरमार, बोले-हम परीक्षा की बात करना चाहते आप खिलौनों की बात कर रहे - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

PM की ‘मन की बात’ पर DISLIKE की भरमार, बोले-हम परीक्षा की बात करना चाहते आप खिलौनों की बात कर रहे

Reporter Khabar Uttarakhand
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bjpबीते दिन रविवार 30 अगस्त को पीएम नरेंद्र मोदी ने देश की जनता से मन की बात की। मन की बात कार्यक्रम से जुड़ा यह वीडियो बीजेपी के यू-ट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया जिसे 16 लाख से भी ज्यादा बार देखा जा चुका है लेकिन हैरान करने वाली बात तो यह है कि मन की बात कार्यक्रम को लाइक से ज्यादा डिस्लाइक मिले हैं। आपको बता दें कि दोपहर 1.43 बजे तक अभी तक इस वीडियो में 68 हजार लाइक तो वहीं 4 लाख 66 हजार से ज्यादा डिस्लाइक्स मिल चुके हैं। इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर यूजर्स ने पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम पर कमेंट्स कर रोष व्यक्त किया है। आपको बता दें कि पीएम मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम पर कई सोशल मीडिया यूजर्स ने जहां नीट और जेईई परीक्षा को लेकर बात रखी तो वहीं कई यूजर ने रोजगार से जुड़े मुद्दे उठाए। युवाों ने कमेंट किए और आक्रोश भी व्यक्त किया.

युवा बोले- हम परीक्षा की बात करना चाहते आप खिलौनों की बात कर रहे

सोशल मीडिया पर पीएम की मन की बात पर युवाओं का जबरदस्त आक्रोश देखने को मिल रहा है। एक यूजर ने कमेंट किया कि हम नीट और जेईई की परीक्षा पर बात करना चाहते थे, लेकिन आप खिलौनों के बारे में बात कर रहे हैं. वहीं एक ने लिखा कि आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी जी, आपको बेरोजगारी के खिलाफ कड़े कदम उठाने चाहिए थे. आखिर में यही भारत की सबसे बड़ी समस्या है..एक ने लिखा कड़वा सत्य उल्लू की अध्यक्षता में चमगादड़ो की सभा हुई और तय हुआ अंधेरा ही परम सत्य है !!🤐🤔🤐 (बस यही हाल है अंडभक्तों का है।एक ने लिखा कि अपना मन की बात तो सुना कर चल देते ह , मेरा मन की बात कौन सुनेगा।

आपको बता दें की पीएम नरेंद्र मोदी ने बीते दिन ‘मन की बात’ कार्यक्रम में लोकल खिलौनों के लिए वोकल होने की लोगों से अपील की थी. इस दौरान पीएम ने देशवासियों को गणेश चतुर्थी और ओणम की बधाइयां भी दी थीं. पीएम मोदी ने मन की बात में कहा था कि अब सभी के लिये लोकल खिलौनों के लिये वोकल होने का समय है. आइए, हम अपने युवाओं के लिये कुछ नए प्रकार के, अच्छी क्वालिटी वाले, खिलौने बनाते हैं. खिलौना वो हो जिसकी मौजूदगी में बचपन खिले भी, खिलखिलाए भी. हम ऐसे खिलौने बनाएं, जो पर्यावरण के भी अनुकूल हों. हमारे देश में इतने आइडिया हैं, इतने कॉन्सेप्ट्स हैं, बहुत समृद्ध हमारा इतिहास रहा है. क्या हम उन पर गेम्स बना सकते हैं. मैं देश के युवा टेलेंट से कहता हूँ, आप, भारत में भी गेम्स बनाइये, और, भारत के भी गेम्स बनाइये. वहीं पीएम के इस मन की बात से युवाओं में रोष है और जबरदस्त कमेंटों की भरमार आई है वहीं डिस्लाइक्स की भी।

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