Big News : सड़क ना होने के कारण 160 परिवारों ने किया पलायन, अब गांव में रह गए कुछ ही परिवार - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

सड़क ना होने के कारण 160 परिवारों ने किया पलायन, अब गांव में रह गए कुछ ही परिवार

Yogita Bisht
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खंडहर होते घर

प्रदेश में पहाड़ी इलाके के गांवों में सड़क ना होना पलायन का प्रमुख कारण बन गया है। लोग सड़क ना होने के कारण गांव को छोड़ शहरों में बस रहे हैं। पलायन को रोकने के दावे तो सरकार करती है लेकिन मूलभूत सुविधाएं भी पहाड़ के लोगों को नहीं मिल पा रही हैं। पिथौरागड़ जिले के कनालीछीना विकासखंड के मलान काणाधार ग्राम पंचायत से रोड ना होने के कारण लोग पलायन कर रहे हैं। आलम ये है कि अब तक गांव से 160 परिवार पलायन कर चुके हैं।

सड़क ना होने के कारण 160 परिवारों ने किया पलायन

पिथौरागढ़ जिले के कनालीछीना विकासखंड के मलान काणाधार ग्राम पंचायत से साल 2011 से लगातार पलायन हो रहा है। आलम ये है कि सड़क ना होने के कारण गांव में रहने वाले 250 परिवारों में से 160 परिवारों ने पलायन कर दिया है। अब गांव में सौ से भी कम परिवार रहते हैं।

घोषणा तो हुई लेकिन नहीं बनी सड़क

मलान-काणाधार सड़क निर्माण के लिए साल 2011 में घोषणा तो हुई लेकिन इसके बावजूद सड़क नहीं बन पाई। 13 साल बीत जाने के बाद भी लोग सड़क के लिए गुहार लगा रहे हैं। ग्रामीण सड़क के निर्माण के लिए अधिकारी, जनप्रतिनिधि के कार्यालयों के चक्कर काटकर थक चुके हैं। लेकिन इसके बावजूद उनके समस्या को सुनने के लिए कोई तैयार नहीं है।

नौ किमी पैदल चलकर जाना पड़ता है सड़क तक

गांव में कोई गर्भवती हो या फिर बीमार बुजुर्गों को अस्पताल ले जाना हो इसके लिए लोगों को नौ किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई चढ़नी पड़ती है। बीमार, बुजुर्गों और गर्भवती महिला को ले जाने के लिए डोली के सहारा लेना पड़ता है। इसी समस्या के चलते गांव की आधे से ज्यादा आबादी पलायन कर चुकी है। जो परिवार गांव में रह गए हैं उन्हें रोजमर्रा का सामान तक लाने के लिए हर रोज नौ किमी की दूरी तय करनी पड़ती है। गांव वालों ने जल्द से जल्द सड़क की मांग की है।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।