Big News : सावधान ! उत्तराखंड में आंगन तक पहुंच रहे गुलदार, 22 सालों में जंगली जानवरों के हमलों में 1055 लोगों की मौत - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

सावधान ! उत्तराखंड में आंगन तक पहुंच रहे गुलदार, 22 सालों में जंगली जानवरों के हमलों में 1055 लोगों की मौत

Yogita Bisht
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आंगन तक पहुंच रहे गुलदार

प्रदेश में जंगली जानवरों का आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा है। आलम ये है कि अब गुलदार और हाथी आंगन तक पहुंचने लगे हैं। जहां पहाड़ों पर गुलदार के घर के आंगन से बच्चों और लोगों को उठा ले जा रहा है तो वहीं मैदानी इलाकों में जंगली हाथियों के पटकर मार डालने की घटनाएं सामने आ रही है। बीते 22 सालों की बात करें तो जंगली जानवरों के हमले में मारे जाने वालों की संख्या चौंकाने वाली है। 22 सालों में एक हजार से भी ज्यादा लोगों ने जंगली जानवरों के हमलों में जान गंवाई है।

उत्तराखंड में आंगन तक पहुंच रहे गुलदार

उत्तराखंड में गुलदार के हमले लगातार बढ़ रहे हैं। खासकर पहाड़ों पर गुलदार के हमलों में तेजी से इजाफा देखनो को मिला है।गुलदार घरों के आंगन तक पहुंच रहे हैं और लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। बता करें बीते तीन दिनों की तो तीन दिनों के भीतर प्रदेश में गुलदार के हमले में तीन बच्चों की मौत हुई है। जबकि तीन लोग घायल हुए हैं।

22 सालों में जंगली जानवरों के हमलों में 1055 लोगों की मौत

राज्य गठन से साल 2022 तक के आंकड़ों पर एक नजर डालें तो प्रदेश में 22 सालों में जंगली जानवरों के हमलों में 1055 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि इन आंकड़ों में अभी साल 2023 के आंकड़े शामिल नहीं है। वहीं इन हमलों में साल 2006 सेसाल 2022 के बीच 4375 लोग घायल हुए हैं।

23 सालों में गुलदार के हमलों में 514 लोगों की हुई मौत

पहाड़ों पर गुलदार के हमले बढ़ते ही जा रहे हैं। राज्य के गठन से लेकर साल 2023 तक गुलदार के हमले में 514 लोगों की जान चली गई। जबकि 1868 लोग घायल हुए हैं। बता दें कि गुलदार के हमले के मामले में कुमाऊं के जिले अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चंपावत, बागेश्वर के ज्यादा संवेदनशील है। इसके साथ ही गढ़वाल के कुछ पर्वतीय क्षेत्र भी संवेदनशील हैं।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।